जशपुर मुनादी।। वीवीआईपी नगर पंचायत कुनकुरी में कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस के ही पार्षदों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है ।खाश बात ये कि यह लड़ाई कांग्रेस के अंदरखाने में नहीं बल्कि उभरकर सोशल मीडिया पर आ गयी है । सोशल मीडिया में भाजपा का यूथ विग्रेड इनकीं लड़ाई की तमाम चिट्ठियों को वायरल करने में जुट गया ।
वायरल चिट्ठियों के मुताबिक बीते 30 अक्टूबर को नगर पंचायत के पार्षद रुखसाना बानो को नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने पीआईसी की टीम से बाहर करके कांग्रेस के सीनियर पार्षद अजित केरकेट्टा को पीआईसी का मेम्बर बना दिया गया। बस इसी बात को लेकर कांग्रेस के पार्षदों और अध्यक्ष विनयशील के बीच जंग छिड़ गई । इनके बीच विवाद इतना बढ़ गया कि नगरपंचायत के उपाध्यक्ष दीपक केरकेट्टा और वार्ड नम्बर 9 के पार्षद इमरान ने भी रुखसाना बानो के समर्थन में पीआईसी के मेम्बरशिप से इस्तीफा का लेटर कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष को सौंप दिया ।
उपाध्यक्ष दीपक केरकेट्टा ने विनयशील पर बगैर पार्षदों और पीआईसी के सदस्यों की सहमति के रुखसाना बानो को पीआईसी से बाहर कर दिया। दीपक केरकेट्टा की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए कुनकुरी ब्लॉक कॉन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एस इलियास ने पीसीसी अध्यक्ष के नाम एक पत्र लिखकर विनयशील की शिकायत कर दी ।
ब्लॉक अध्यक्ष का आरोप है कि पीआईसी मेम्बर रुखसाना बानो को हटाने से पहले नगर पंचायत अध्यक्ष के द्वारा पार्टी फोरम में न तो कोई बात रखी गयी न कोई विमर्श किया गया जो कि पार्टी अनुशासनहीनता के दायरे में आता है । सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे लेटर के मुताबिक अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने भी रुखसाना बानो को पीआईसी से हटाए जाने पर कड़ा एतराज जताया है और काँग्रेस के आला नेताओं से इसकी शिकायत की है।
बताया जा रहा है कि कुनकुरी में कांग्रेस के भीतर चल रहा यह विवाद पुराना है लेकिन सोशल मीडिया में लड़ाई वायरल होने के बाद जानकार लोगों ने इस लड़ाई का विश्लेषण करना शुरू कर दिया है। राजनीति और नियमो के जानकार लोगो का कहना कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस के पार्षदों के बीच जो विवाद खड़ा हुआ है इससे भाजपा को बड़ा फायदा होने की गुंजाइश है । जानकारों की माने तो नगर पंचायत उपाध्यक्ष दीपक केरकेट्टा का इस्तीफा अगर स्वीकार कर लिया जाता है तो दीपक केरकेट्टा न केवल पीआईसी मेम्बरशिप से हाथ धो बैठेंगे बल्कि उनके उपाध्यक्ष का पद भी स्वतः समाप्त हो जाएगा ऐसे ने सम्भव है नगर पंचायत उपाध्यक्ष का चुनाव दुबारा हो और इस चुनाव में भाजपा अपना उपाध्यक्ष बनाने में कामयाब हो जाय।
हांलाकि दीपक केरकेट्टा का इस्तीफा पत्र सीएकार किया गया है या नहीं और इनके इस्तीफे को स्वीकार करने की एथॉरिटी सीएमओ नगर पंचायत है या नगर पंचायत का अध्यक्ष यह स्पष्ट होना बाकी है । लेकिन फिर भी अगर दीपक केरकेट्टा का इस्तीफा स्वीकार होता है तो कुनकुरी की सियासत नया करवट ले सकती है या यूं कहिए कि भाजपा के भाग्य खुल सकते है ।