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April 14, 2025



संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का महासम्मेलन कल, 33 जिलों से हजारों कर्मचारी होंगे शामिल,लखीराम सभागृह में होगा आयोजन

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रायगढ़ मुनादी।। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (छभ्ड) के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, अपने हक और सम्मान की लड़ाई को एक नया आयाम देने जा रहे हैं। 15 अप्रैल  मंगलवार को स्वर्गीय लखीराम अग्रवाल सभागृह, बिलासपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय महासम्मेलन में प्रदेश के 33 जिलों से हजारों कर्मचारी एकत्र होंगे। यह महासम्मेलन केवल एक सभा नहीं, बल्कि वर्षों की उपेक्षा, आश्वासनों की थकान और अनसुनी मांगों का साहसिक जवाब है।


माननीयों का स्वागत, मांगों का आह्वान

इस ऐतिहासिक आयोजन में छत्तीसगढ़ के यशस्वी स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जयसवाल जी, श्री अमर अग्रवाल जी, श्री धरमलाल कौशिक जी, श्री धर्मजीत सिंह जी, श्री सुशांत शुक्ला जी सहित अन्य गणमान्य विधायकों और जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। इनके समक्ष संविदा कर्मचारी अपनी मांगों को न केवल रखेंगे, बल्कि उनके अमल की उम्मीद भी करेंगे। यह आयोजन एक मंच है, जहां संवाद और समाधान की राह तलाशी जाएगी।


महासम्मेलनः एक दिन, एक आवाज

छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर इस महासम्मेलन में शामिल होंगे। चिकित्सक, प्रबंधकीय वर्ग, ग्रामीण स्वास्थ्य सहायक, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स, एएनएम, डाटा एंट्री ऑपरेटर और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर अपनी बात रखेंगे।

 रायगढ़ के एमसीएच(मातृत्व शिशु स्वास्थ्य) स्टाॅफ नर्स/ए.एन.एम. ने मानवता का परिचय देते हुए अपनी उपस्थिति सुनिश्चित की है, ताकि शासकीय कार्य बाधित ना हो, जो समाज के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है।

मांगेंः हक की पुकार, वर्षों की उपेक्षा

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगें कोई नई नहीं हैं, पर इनका अनसुना होना निश्चित ही दुखद है। शासकीयकरण, ग्रेड पे निर्धारण, सेवा पुस्तिका, चिकित्सा परिचर्या, अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेच्युटी, 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, विशिष्ट वेतन और कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ब्त्) जैसे मुद्दों पर चर्चा इस महासम्मेलन का मुख्य आधार होगी। ये मांगें केवल कागजों पर नहीं, बल्कि उन हजारों कर्मचारियों के जीवन की सच्चाई हैं, जो दिन-रात जनता की सेवा में जुटे हैं। 

वर्षों से कर्मचारी माननीय मुख्यमंत्री जी, विभागीय मंत्रियों, कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और सांसदों के दरवाजे खटखटाते रहे हैं। जवाब में मिले हैं सिर्फ आश्वासन, कमेटियां और फाइलों का अंतहीन दौड़-भाग। यह महासम्मेलन उस थकान को तोड़ने का संकल्प है, जहां कर्मचारी न केवल अपनी मांगें रखेंगे, बल्कि उनके लिए एकजुट होकर लड़ने का प्रण भी लेंगे।


आयोजन की रूपरेखाः साहस और संगठन का प्रतीक

महासम्मेलन की शुरुआत प्रातः 9ः30 बजे होगी। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमित मिरी के नेतृत्व में कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कौशलेश तिवारी, श्याम मोहन दुबे, हेमंत सिन्हा, डॉ. रविशंकर दीक्षित और पूरन दास जैसे समर्पित नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। यह संगठन की ताकत और कर्मचारियों की एकजुटता का प्रतीक है। समस्त बिलासपुर के एन.एच. एम. कर्मचारियों ने सभी जिलों  से आ रहे संविदा स्वास्थ्य कर्मचारीयों का स्वागत किया है।


राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनः 20 वर्षों की यात्रा, कर्मचारियों की अनसुनी कहानी

12 अप्रैल को शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आज अपनी 20वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस मिशन ने छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा दी, पर इसके संविदा कर्मचारियों की स्थिति आज भी अनिश्चितताके साये में है। ये कर्मचारी, जो कोविड-19 जैसी महामारी में जान जोखिम में डालकर डटे रहे, आज भी स्थायित्व और सम्मान की बाट जोह रहे हैं। 


मार्मिक अपीलः सुनें, समझें, साथ दें

हे छत्तीसगढ़ की धरती, हे शासन और समाज!

आपके स्वास्थ्य की रक्षा करने वाले ये संविदा कर्मचारी आज आपके सामने अपनी पुकार लेकर आए हैं। ये वही लोग हैं, जो रात-दिन, गर्मी-बरसात, संकट-महामारी में आपके साथ खड़े रहे। इनके पसीने की कीमत सिर्फ आश्वासन नहीं, बल्कि सम्मान और हक है। इनकी मांगें कोई दान नहीं, बल्कि उनका अधिकार हैं। 

हमारी अपील है कि इस महासम्मेलन को केवल एक आयोजन न समझें। यह उन हजारों दिलों की धड़कन है, जो न्याय की आस में एक साथ धड़क रहे हैं। शासकीयकरण देगा स्थायित्व, वेतन वृद्धि देगी सम्मान, और ग्रेड पे देगा आत्मविश्वास। इन मांगों को पूरा करना केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था का भविष्य उज्ज्वल करेगा।  

आइए, एकजुट हों!

15 अप्रैल को बिलासपुर में होने वाला यह महासम्मेलन एक शुरुआत है। यह कर्मचारियों की एकजुटता, साहस और संकल्प का प्रतीक है। हम शासन से निवेदन करते हैं कि इस बार फाइलें नहीं, फैसले हों। कमेटियां नहीं, कर्मचारियों के जीवन में बदलाव आए।  

छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से यह प्रेस विज्ञप्ति एक निमंत्रण है दृ न केवल उपस्थिति का, बल्कि समर्थन और सहयोग का। आइए, इस लड़ाई को मिलकर जीतें, क्योंकि जब स्वास्थ्य कर्मचारी सशक्त होंगे, तभी छत्तीसगढ़ स्वस्थ होगा। 


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