रायगढ़ मुनादी।। निकाय चुनावों में पार्षद प्रत्याशियों से पैसे जमा कराने संबंधी आदेश कांग्रेस के गले की हड्डी बनती जा रही है। ऐन चुनाव के मौके पर इस तरहबके फरमान से कांग्रेस के पार्षद नाराज भी हैं और परेशान भी। सोमवार को कांग्रेस कमेटी की होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर हंगामा होने के आसार नजर आ रहे हैं।
जब मुनादी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्षदों के मन को खंगालना चाहा तो कोई पार्षद इस मुद्दे पर खुलकर बात नहीं किया सभी इससे बचते रहे। कुछ ने अनौपचारिक तरीके से दर्द बयां भी किया। ज्यादातर पार्षदों का कहना था कि जब इस फूड को प्रतिवर्ष लिया जाना था तो उस समय ही क्यों नहीं मांग लिया गया, अब जब चुनाव सर पढ़ाई और उसमें भी पैसे खर्च किए जाने हैं तब पार्टी की फंड की याद आ रही है। उनका कहना था कि इस तरह के निर्देश से लोगों में गलत संदेश भी जा रहा है। पार्टी को एक बार सोचना चाहिए।
कुछ पार्षदों का यह भी मत है कि ऐसे निर्देशों को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था। इसपर पार्टी में इंटरनल बातचीत होना चाहिए था। कुछ पार्षद पैसा देने को तैयार भी हैं लेकिन वे इस बात की गारंटी चाहते हैं कि उन्हें ही टिकट मिलेगी। हालांकि कांग्रेस के अंदरखाने में यह बात भी कही जा रही है कि सीटिंग पार्षद की टिकट नहीं कटेगी इसी लिए पार्टी ने फंड वाला यह हथकंडा अपनाया है। पार्टी के ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि जो फंड पार्षदों से हर साल लिया जाना था उसे देने में पार्षदों को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
क्या है नया नियम
दरअसल पिछले निकाय चुनाव के दौरान जब पार्षदों को टिकट दिया जा रहा था उस समय यह कहा गया था कि पार्षद बनने के बाद साल भर में एक माह का मानदेय पार्टी फंड में जमा करना था। इस तरह पांच में पांच माह का मानदेय पार्टी फंड में जमा करना है। हालांकि कई पार्षदों ने पैसा जमा भी करवाया है, कुछ ने दो सालों का पैसा फंड में जमा करवाया है।
पार्षदों की स्थिति
रायगढ़ नगर निगम में कुल 48 वार्ड हैं। इनमें से 27 पार्षद कांग्रेस के थे। 24 कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे, दो निर्दलीय पार्षदों ने कांग्रेस ज्वाइन किया और विधानसभा चुनाव के ऐन पहले एक पार्षद ने भाजपा से दामन छुड़ाकर कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
कितने पैसे जमा करने हैं
नगर निगम के पार्षद का मानदेय एक माह का 15 हजार होता है । इस तरह एक पार्षद को साल भर में 1 लाख 80 हजार का मानदेय मिलता है। पांच साल में यह रकम 9 लाख बनती है। अब पार्टी उनलोगों से 75 हजार चाहती थी हालांकि अब यह रकम 50 हजार कर दिया गया है।
सोमवार को है बैठक
सोमवार को कांग्रेस प्रभारी निवर्तमान पार्षदों और पार्षद, महापौर के टिकट चाहने वाले दावेदारों की मीटिंग लेंगे। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि पार्षदों की नाराजगी उस दिन खुलकर जाहिर हो सकती है और इसपर हंगामा भी हो सकता है। पार्षदों का कहना है कि यदि पार्टी ने अड़ियल रवैया अपनाया तो पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है। ऐसे में तो कांग्रेस के 2-4 पार्षद ही जीत पाएंगे। हालांकि उन्हें भी यह उम्मीद है कि मीटिंग में उनकी बात सुनी जाएगी।कुछ पार्षदों का यह भी कहना था कि ऐसे में इसका फायदा तीसरे पैनल वालों को भी मिल सकता है उन्हें नाराज पार्षदों का सपोर्ट हासिल हो सकता है।