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January 07, 2025



MUNAADI BIG BREAKING: पत्रकार की हत्या मामले में साय सरकार की बड़ी कार्रवाई.. मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के पंजीयन निलंबित, GST ने पकड़ी थी टैक्स चोरी

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रायपुर मुनादी।।  पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्याकांड मामले में सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश के बाद लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में पीडब्लूडी मंत्री अरुण साव के आदेश पर मंगलवार को लोक निर्माण विभाग (PWD) ने ठेकेदार सुरेश चंद्रकार के ए-क्लास (अ-वर्ग) कांट्रैक्टर के पंजीयन को ही सस्पेंड कर दिया है। आदेश में साफ लिखा है कि पत्रकार की हत्या के आरोप में गिरफ्तारी की वजह से ए-क्लास कांट्रैक्टर का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है। इसके पहले सुरेश चंद्राकर के खिलाफ जीएसटी ने कार्रवाई की थी। जीएसटी की ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की फर्म पर छापामार कार्रवाई के दौरान 2 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। 

जारी आदेश के अनुसार मुख्य अभियंता, बस्तर परिक्षेत्र जगदलपुर ने विभाग में पंजीकृत “अ” वर्ग ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड का मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किए जाने पर पंजीयन को निलंबित किए जाने की अनुशंसा की थी। इस अनुशंसा को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने सुरेश चंद्राकर के “अ” वर्ग पंजीयन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

हत्या के आरोप में गिरफ्तार ठेकेदार सुरेश चंद्रकार की फर्म इस वक्त बीजापुर की तीन सड़कों पर निर्माण कर रही थी। इसमें नेलसनार-गंगालूर के बीच करीब 32 किमी टू-लेन रोड, जैगुर से तुमनार की बीच करीब 11.20 किमी रोड और कुटरू से फरसेगढ़ के बीच 12.6 किमी सड़क का चौड़ीकरण तथा मरम्मत शामिल है। इनमें नेलसनार-गंगालूर रोड का काम करीब 73 करोड़ रुपए, जैगुर से तुमनार का काम करीब 14 करोड़ रुपए का तथा कुटरू-फरसेगढ रोड का ठेका करीब 20 करोड़ रुपए का है। इन सड़कों के निर्माण का कुछ काम पूरा कर लिया गया, जबकि कुछ निर्माण कार्य पिछले 8 माह से 12 माह के बीच या तो रुके हुए हैं, या काम ही बंद है।  

इसके पहले जीएसटी की ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की फर्म पर छापामार कार्रवाई के दौरान 2 करोड़ की टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। इस मामले में वाणिज्यिक कर विभाग विस्तृत जांच कर रही है। राज्य वाणिज्यिक कर विभाग ने बीजापुर जिले में स्थित सड़क निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स सुरेश चंद्राकर के परिसरों का 27 दिसंबर को निरीक्षण किया था। प्रारंभिक जांच में यह तथ्य सामने आया है कि फर्म ने विगत वित्तीय वर्षों में 2 करोड़ से अधिक की अपात्र इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया है।


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