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February 17, 2023



NTPC ने बताई अपनी उपलब्धि, सबसे सस्ता बिजली उत्पादन को बताया लक्ष्य, स्थानीय लोगों को रोजगार के सवाल पर कहा - हमने तो .......... पढ़िए पूरी खबर

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रायगढ़ मुनादी।। अपने जनसुनवाई से ठीक पहले एनटीपीसी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सब्लिटी के बारे में बताते हुए यह बताया की एनटीपीसी की अबतक की क्या उपलब्धि है। इस प्रेस कांफ्रेंस में एनटीपीसी प्रबंधन से तीखे सवाल भी किए गए जिसके जवाब भी प्रबंधन ने दिया। कुछ का सीधा तो कुछ का घुमाकर भी।

एनटीपीसी ने हालांकि इस प्रेस कांफ्रेंस का जनसुनवाई से किसी भी तरह के संबंध होने से मना किया लेकिन प्रेस के साथ जो इयरली मीट मार्च में होती थी वह फरवरी में क्यों हो रही है इसका सीधा जवाब प्रबंधन ने नहीं दिया। इसी तरह जब उनसे पूछा गया कि पूरे देश में सिर्फ रायगढ़ के एनटीपीसी पर ही सबसे ज्यादा आरोप क्यों लग रहे हैं इसका भी सीधा जवाब उन्होंने न देते हुए कहा कि हम वहीं सब बताने आपको बुलाए हैं।  उन्होंने फ्लाई ऐश का निष्पादन, स्थानीय लोगों के बेरोजगार सहित कई सवालों के जवाब भी दिए।

एनटीपीसी ने विस्थापित या जमीन देने वाले परिवारों को नौकरी दिए जाने के संबंध में स्पष्ट कहा कि यह हाई टेक्नोलॉजी वाली कंपनी है और इसमें जबकि 1600 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है यहां सिर्फ 300 लोग ही एनटीपीसी के कर्मचारी हैं। उनका यह भी कहना था कि हमने सरकार से 79 लोगों को नौकरी में लेने की बात कही थी लेकिन अबतक मात्र 57 लोगों को ही काम पर रखा गया है शेष 22 लोगों की नियुक्ति भी जल्द कर ली जाएगी। इस सवाल पर कि जब एमओयू और आपके आर&आर पॉलिसी में यह स्पष्ट है कि भूमि देने वाले को नौकरी या बोनस दिया जाएगा उसका पालन क्यों नहीं किया जा रहा है, इसका जवाब देने से प्रबंधन बचती रही।



जीएम कौशिक ने बताया कि तिलाइपाली के कॉल माइंस से अभी 10 हजार टन कोयला प्रतिदिन आ रहा है आने वाले दिनों में यहां से प्रतिदिन 25 हजार टन कोयला का उत्पादन होगा और रेलमार्ग से यह लारा प्लांट में आएगा। इसके बाद फ्लाई ऐश के निष्पादन पर सवाल किए गए जिसके जवाब में उन्होंने बताया कि फली ऐश का बड़ा हिस्सा एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा लिया जा रहा है जिसका उपयोग सड़क बनाने के काम में हो रहा है। पिछले वर्ष 32 लाख टन फ्लाई ऐश निकला जिसमे 18 लाख टन का निष्पादन हो गया था।

एनटीपीसी प्रबंधन ने रोजगार, फ्लाई ऐश निष्पादन, बिजली उत्पादन, कोयला उत्पादन सहित अपनी तमाम उपलब्धियों को भी प्रेस के सामने रखा। उन्होंने बताया कि बिजली उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा छत्तीसगढ़ सरकार को दिया जाता है और वे सबसे सस्ता बिजली का उत्पादन करते हैं। 


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