सत्ता के चालों की मुनादी।।
देश के 13 राज्यों की विधानसभा व लोकसभा में एंग्लोइंडियन समुदाय के लिए सीटों के आरक्षण का नियम खत्म हो गया। अब छत्तीसगढ़ सहित इन 13 राज्यों में इस समुदाय का कोई प्रतिनिधि विधानसभा का नामित सदस्य नहीं सकेगा। एेसा 126वीं संविधान संशोधन विधेयक के 12 दिसंबर को राज्यसभा में पास हो जाने से हुआ है। लोकसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बिल पर बहस करते हुए बताया था कि जब यह नियम लागू हुआ था उस समय इनकी संख्या करीब 1 लाख 15 हजार थी जो अब घटकर सिर्फ 296 राह गई है।
देश के झारखंड (पहले बिहार), आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल आदि राज्यों में इस समुदाय के दो नामित सदस्यों को सदस्यता देने का नियम पूर्व में था, यहां तक कि लोकसभा में भी इस समुदाय के दो नामित सदस्य होते थे।
इस नियम के बाद एंग्लो इंडियन समुदाय के लोगों का कहना है कि सरकार ने हमारी संख्या कम बताया है। हमारी संख्या अभी भी एक लाख से ज्यादा है। छत्तीसगढ़ में एंग्लो इंडियन समुदाय के लोग जशपुर, बिलासपुर जैसे जगहों में अभी भी हैं। पिछले विधानसभा तक यहां इस समुदाय के व्यक्ति को नामित किया जाता रहा है। इस नियम के पास हो जाने के बाद यह समुदाय मायूस है।