बलरामपुर मुनादी।। बलरामपुर में पूछताछ के लिए थाने बुलाए गए अस्पताल के एक कर्मचारी (प्यून) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने थाने के सामने जमकर हंगामा किया, पथराव किया और पुलिस वाहन में भी तोड़फोड़ की। जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य कर्मचारी गुरुचंद मंडल (30) की पत्नी पिछले 20 दिन से लापता है। इसी सिलसिले में पुलिस पूछताछ के लिए गुरुचंद को थाना लाई थी। इसी दौरान उसने थाने के टॉयलेट में अपने गमछे से फांसी लगाई।
अब इस मामले में सियासत भी शुरू हो गई है। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने मांग किया कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इस बात की जाँच होनी चाहिए कि यह हत्या है या आत्महत्या? कहीं पुलिस की पिटाई से मौत तो नहीं हुई? हमें शंका है उसे मारकर फांसी पर लटका दिया गया। कांग्रेस इस घटना को लेकर गंभीर है। हम जांच कमेटी बना रहे हैं। हम जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर जनता का गुस्सा क्यों भड़का?
इसके साथ ही इस पूरे मामले पर कांग्रेस ने आठ सदस्यों वाली जाँच टीम का गठन कर दिया है। इस कमेटी में डॉ. अजय तिर्की को संयोजक बनाया गया हैं जबकि बतौर सदस्य श्रम कल्याण मण्डल के पूर्व प्रमुख सफी अहमद, राजेन्द्र तिवारी, के. पी. सिंह, मधु गुप्ता, लाल साय, सीमा सोनी और दिनेश यादव को शामिल किया गया है।
वहीं आईजी सरगुजा आईजी अंकित गर्ग ने कहा कि युवक की पत्नी लापता है। उसे पूछताछ के लिए थाने में बुलाया था। मामले में न्यायिक जांच होगी। एसपी ने जिला न्यायधीश को इसके लिए पत्र लिखा है। जांच में जो भी बात सामने आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस हिरासत में मौत को लेकर मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत कार्रवाई की जा रही है।