जशपुर मुनादी।। वीआईपी नगर पंचायत कुनकुरी में एक बार फिर “लेटर बम” फट गया है। पीआईसी सदस्य (प्रेसिडेंट इन काउंसिल) रुखसाना बानो को हटाए जाने का मामला अब मुस्लिम समाज से बढ़कर ईसाई समाज तक पहुँच गया है। पहले मुस्लिम समुदाय ने इस फैसले का विरोध किया था, अब हटाई गई रुखसाना बानो की जगह नियुक्त पार्षद अजीत किस्पोट्टा ने भी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
अजीत किस्पोट्टा ने अपने पत्र में कहा है कि उन्हें छह महीने पहले ही नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील, पूर्व विधायक यू.डी. मिंज, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष की उपस्थिति में पार्टी के वरिष्ठ पार्षद होने के नाते पीआईसी सदस्य बनाए जाने का निर्णय हुआ था। उन्होंने बताया कि “कुनकुरी नगर पंचायत में कांग्रेस के कुल सात पार्षद हैं, जिनमें से केवल पाँच को ही पीआईसी में स्थान मिल सकता है। उस समय जब मैं सदस्य नहीं था, तब किसी पदाधिकारी ने मेरे लिए आवाज नहीं उठाई थी।”
किस्पोट्टा ने आगे कहा कि “आज मेरे चयन से कैथोलिक ईसाई समाज का सम्मान बढ़ा है, लेकिन कुछ लोग इसे व्यक्तिगत स्वार्थ से देख रहे हैं। उपाध्यक्ष दीपक केरकेट्टा जिस तरह से विरोध कर रहे हैं, उन्हें ईसाई महासभा के समक्ष इसका जवाब देना चाहिए कि वे किसके कहने पर ऐसा कर रहे हैं।”
मुस्लिम समाज पहले ही जता चुका है विरोध
इससे पहले रुखसाना बानो को हटाए जाने पर मुस्लिम समाज ने नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील के खिलाफ नाराज़गी जाहिर की थी। अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने इस संबंध में पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर अध्यक्ष के विरुद्ध शिकायत भी की थी। हालांकि बाद में वही पत्र विवादों में घिर गया जब मुस्लिम समाज के ही कुछ लोगों ने उसे “फर्जी” करार दिया। विवाद बढ़ने पर अंजुमन इस्लामिया के सदर को मीडिया के सामने आकर सफाई देनी पड़ी थी।
अब ईसाई समाज की एंट्री से यह पूरा मामला और पेचीदा हो गया है। लगातार सामने आ रहे “लेटर बमों” से कुनकुरी नगर पंचायत की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।