डेस्क मुनादी।। अपोलो हॉस्पीटल द्वारा चलाए गए अभियान पिक टू पिक- विनिंग ओवर कैंसर के तहत आठ कैंसर सर्वाइवर्स ने हिमालय की चोटियों को फतह किया है। सर्वाइवर्स ने हिमालय पर्वत के मुश्किल भरे रास्ते पर चार दिनों तक चढ़ाई कर 11 हजार 830 फीट की उंचाई पर अपनी जीत का परचम लहराया। इनमें छत्तीसगढ़ की कैंसर सर्वाइवर महिला प्रियंका राजेश शुक्ला भी शामिल थी।
कैंसर, नाम ही काफी है। बीमारी के नाम से ही लोगों के चेहरे की रंगत उड़ जाती है। लाइलाज समझे जाने वाली इस बीमारी को देश के कुछ कैंसर पीड़ित मरीजों ने न केवल मात दी बल्कि बीमारी पर फतह करने के बाद हिमालय की चोटियों पर भी अपने हौसलों के झंडे गाड़े है। दरअसल अपोलो कैंसर सेंटर्स ने इंडिया हाइक्स के साथ मिलकर एक इवेंट आर्गेनाइज किया। जिसमें कैंसर बीमारी से उपचार के बाद ठीक हो चुके सर्वाइवर को चुना गया। देश के अलग-अलग हिस्सों से आठ लोगों हिस्सा लेने आगे आए । जिसमें छत्तीसगढ़ की 40 वर्षीय महिला प्रियंका राजेश शुक्ला भी शामिल थी। प्रियंका राजेश शुक्ला ने बताया कि 2016 में उनकी बीमारी का पता चला था। इसके बाद वे जीवन से हताश हो चुकी थी। इसी बीच एक कैंसर पीड़ित रेलकर्मी महिला से उन्हें प्रेरणा मिली। जिसके बाद उन्होंने इलाज शुरू कराया। महिला का कहना है कि कैंसर जीवन का अंत नहीं है। यही बतानें वे इस मुहिम के साथ जुड़ीं। अपोलो हॉस्पीटल्स की चिकित्सीय टीम के साथ मिलकर सर्वाइवर्स ने हिमालय के दयारा बुग्याल चोटी पर चढ़ाई की। चार दिन के इस ट्ैकिंग के दौरान कई कठिनाइयां आई लेकिन सर्वाइवर्स ने मिलकर सबका सामना किया। कैंसर से ठीक हुए पीड़ितों का कहना है कि यह उन्होंने सिर्फ इसलिए किया ताकि कैंसर की बीमारी से लड़ रहे मरीजों को हिम्मत मिले। हिमालय की चढ़ाई करने वाले समूह में 24 साल के युवा के साथ 71 साल के बुजुर्ग भी शामिल थे।
बीमारी का नाम सुनकर ही हौसले टूट गए थे-सर्वाइवर्स ं
आठ लोगों के समूह में किसी को इस बीमारी के बारे में 1995 में पता चला तो किसी को 2021 में। सभी केस में सर्वाइवर्स बतातें हैं कि बीमारी का नाम सुनने के बाद ही उन्होंने जीने की आशा खो दी थी। इसी बीच किसी अन्य सर्वाइवर की कहानी से वे प्रेरित हुए और अपना इलाज शुरू किया। अब वे भी दूसरे मरीजों के लिए प्रेरणा बनना चाहते हैं। ताकि उनकी कहानियां सुनकर लोग कम से कम नाउम्मीद ना हो।
गाना और जोक्स के बीच 71 वर्षीय बुजुर्ग ने की चढ़ाई
द हिन्दू और दैनिक भास्कर अखबारों में सर्वाइवर्स के छपे इंटरव्यू के अनुसार 71 वर्षीय कुनाल कुमार दास को देखकर सब हैरान थे। पूरे रास्ते में वे गाना गाते और जोक्स करते रहे। इससे बाकियों की थकान भी दूर हो जाती। इसी तरह अन्य सर्ववाइर्स भी इस ट्ैकिंग का आनंद लेते हुए इसे पूरा कर रहे थे। ताकि वे लोगों तक यह मैसेज पहुंचा सके कि वे सामान्य व्यक्तियों की तरह केवल जी नहीं सकते बल्कि उनसे बेहतर भी कर सकते हैं।