सरगुजा मुनादी।। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बवाल मच गया है। दरअसल, सरगुजा में परसा कोल ब्लॉक को लेकर होने वाली पेड़ों की कटाई के विरोध में गांव वाले उतर गए हैं। इससे इलाके में तनाव बढ़ गया। इस दौरान पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया। इस बीच, चर्चा समझाइश के बाद पुलिसकर्मियों और ग्रामीणों के बीच झड़प शुरू हो गई। ग्रामीणों के हमले से करीब 8 पुलिस कर्मी घायल हो गए हैं। इन ग्रामीणों ने पुलिस पर तीर कमान के साथ पत्थर और डंडे से हमला कर दिया है। बताया जा रहा है कि वहीं पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे कई ग्रामीणों को भी चोटें लगी हैं। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर ASP समेत करीब 300 से ज्यादा पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। घायल पुलिस कर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एडिशनल एसपी अमोलक सिंह ने बताया कि घायल पुलिसकर्मियों का इलाज चल रहा है।
दरअसल, यहां पर राजस्थान कोल ब्लॉक के लिए पेड़ों की कटाई की जा रही है, जिसके लेकर यहां के स्थानीय ग्रामीण लगातार पेड़ कटाई का विरोध कर रहे हैं। वहीं पत्थलगांव थाने के भागवत नायकर का हाथ झूमाझपटी में टूट गया। जशपुर थाने की टीआई आशा तिर्की की सिरे में गंभीर चोट आई है। वहीं आंदोलनकारी रामलाल करियाम, मुनेश्वरसिंह, सादराम, गोविंद प्रसाद, झिठुराम, सुनीता सिंह सहित कई ग्रामीणों को चोट लगी है। हमले में साल्ही के कोटवार बंधन राम भी घायल हो गए हैं।
दूसरी ओर, इसी मामले पर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया पर भाजपा सरकार पर हमला बोला है। प्रियंका ने ट्वीट कर लिखा है किपूरे देश में आदिवासियों पर अत्याचार करना भाजपा की नीति बन गई है। जो आदिवासी सदियों से जंगलों के मालिक हैं, उन्हें बेदखल किया जा रहा है ताकि अडानी जी की खदानें चल सकें। क्या छत्तीसगढ़ में संविधान की पांचवी अनुसूची के क्षेत्र समाप्त कर दिये गये हैं? इसके तहत संरक्षित क्षेत्र से आदिवासियों को बेदखल किया जा रहा है। क्या आदिवादियों के जल, जंगल और जमीन के अधिकार और पुरखों की विरासत का फैसला फर्जी प्रक्रियाओं के जरिये होगा?