जशपुर मुनादी।। कुनकुरी नगर पंचायत की राजनीति में लगातार बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील के खिलाफ कथित शिकायत पत्र के वायरल होने के बाद अब बड़ा खुलासा सामने आया है। कुनकुरी के मुस्लिम नेताओं ने दावा किया है कि सोशल मीडिया में वायरल हो रहा “अंजुमन इस्लामिया कमेटी” का लेटर पूरी तरह फर्जी है।
विवाद की शुरुआत कैसे हुई
जानकारी के अनुसार, नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील पर आरोप है कि उन्होंने वार्ड नंबर 8 की पार्षद रुखसाना बानो को पीआईसी (P.I.C.) मेंबरशिप से हटाकर कांग्रेस पार्षद अजीत केरकेट्टा को सदस्य बना दिया।
इस फैसले से कांग्रेस के ही कुछ पार्षद नाराज़ हो गए और उन्होंने अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। मामला इतना बढ़ा कि नगर पंचायत के उपाध्यक्ष और पीआईसी मेंबर इमरान ने खुद इस्तीफे की पेशकश कर दी और कांग्रेस के आला नेताओं को शिकायत पत्र भेज दिया।
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक और पत्र वायरल हुआ, जिसमें कथित तौर पर अंजुमन इस्लामिया कमेटी ने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज से शिकायत करते हुए कहा था कि मुस्लिम पार्षद को हटाना मुस्लिम समाज का अपमान है और अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
वायरल लेटर को बताया फर्जी
अब इस कथित लेटर की सच्चाई सामने आने लगी है।
अधिवक्ता फिरोज खान ने मूनादी डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि,
“अंजुमन इस्लामिया कमेटी का चुनाव हाल ही में 11 अक्टूबर 2025 को हुआ है। जबकि वायरल लेटर में 2 नवंबर 2025 की तारीख दर्ज है। लेटर पैड में जो सदर और सेक्रेटरी के मोबाइल नंबर दिए गए हैं, वो पुराने पदाधिकारियों के हैं। इससे साफ है कि पुराने लेटर पैड का गलत इस्तेमाल किया गया है।”
उन्होंने कहा कि यह फर्जी लेटर मुस्लिम समाज और कांग्रेस के बीच भ्रम फैलाने की साजिश हो सकती है।
जिला मुस्लिम कमेटी ने भी उठाए सवाल
इधर जिला मुस्लिम कमेटी के नायब सदर रूफ़ी खान ने भी वायरल लेटर को फर्जी बताया है।
उन्होंने कहा,
“अंजुमन इस्लामिया कमेटी के लेटर पैड पर किसी और जमात के सदर के हस्ताक्षर हैं, जो अपने आप में सवाल खड़ा करता है।
अभी नई कमेटी में नायब सदर और नायब सेक्रेटरी की नियुक्ति नहीं हुई है, फिर उनके हस्ताक्षर कैसे हो गए?
साथ ही नए सदर का हस्ताक्षर भी लेटर में नहीं है। इससे साफ है कि यह पत्र किसी साजिश का हिस्सा है।”
मामला अब राजनीति बनाम समुदाय की संवेदनशील दिशा में
कुनकुरी की इस पूरी घटना ने नगर पंचायत की राजनीति में हलचल मचा दी है। एक ओर कांग्रेस के भीतर असंतोष की खबरे हैं, तो दूसरी ओर अब मुस्लिम समुदाय के नेता खुद सामने आकर वायरल लेटर को झूठा बता रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर माना जा रहा है कि यह विवाद कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी और समुदायों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिश से जुड़ा हो सकता है।